Electric Charge (विद्युत आवेश) - Class 12
विद्युत आवेश विद्युत आवेश का इतिहास:- लगभग 600 ईसा पूर्व ग्रीस देश के मिलेटस के वैज्ञानिक थेल्स (Thales) ने ज्ञात किया कि ऐम्बर (Amber) नामक पदार्थ (ऐम्बर पीले रंग का एक रेजिनी पदार्थ (Resinous Substance) है जो बाल्टिक सागर के किनारे पाया जाता है ) को ऊन से रगड़ने पर उसमें कागज के छोटे-छोटे टुकड़े, तिनकों आदि को आकर्षित करने का गुण आ जाता है। ऐम्बर को यूनानी भाषा में इलेक्ट्रॉन (electron) कहते हैं। अतः उपर्युक्त घटना के कारण को इलेक्ट्रिसिटी नाम दिया गया। इसी इलेक्ट्रिसिटी का हिन्दी रूपान्तरण विद्युत है। सन् 1600 में दूसरे वैज्ञानिक गिल्बर्ट ने देखा कि ऐसे अन्य कई पदार्थ जैसे काँच, एबोनाइट, राल्फर आदि है जो ऐम्बर की तरह ही न्यूनाधिक मात्रा में हल्की वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पदार्थों में अन्य हल्के पदार्थों को अपनी ओर आकर्षित करने का यह गुण रगड़े जाने अर्थात् घर्षण के कारण आता है। पदार्थों में इस गुण के आ जाने पर पदार्थ विद्युन्मय (electrified) या आवेशित (charged) कहलाता है तथा वह कारक जिससे यह गुण पदार्थों में आ जाता है, विद्युत कहलाता है। विद्युत विद्युत आवेश पदार्थ क...