Lesson 12 - विद्युत-Class 10 Science Notes
विद्युत विद्युत आवेश की संकल्पना:- जब एक कांच की छड़ को सिल्क के कपड़े से रगड़ा जाता है, तो इलेक्ट्रॉन कांच की छड़ से सिल्क के कपड़े में चले जाते हैं, इसलिए कांच की छड़ में इलेक्ट्रोनों की कमी हो जाती है जिससे कांच की छड़ धनात्मक आवेशित हो जाती है और सिल्क के कपड़े में इलेक्ट्रोनो की अधिकता हो जाती है जिससे सिल्क का कपड़ा ऋणात्मक आवेशित हो जाता है। जब एक एबोनाइट की की छड़ को ऊन से रगड़ा जाता है तो इलेक्ट्रॉन ऊन से एबोनाइट की छड़ में चले जाते हैं।इसलिए एबोनाइट की छड़ में इलेक्ट्रोनों की अधिकता हो जाती है जिससे एबोनाइट की ऋणावेशित हो जाती है। और ऊन में इलेक्ट्रोनों की कमी हो जाती है जिससे ऊन धनवेशित हो जाता है। अतः घर्षण के इस संकल्पना के आधार पर आवेश को समझा गया। बाद में, कूलाम ने आवेश के बारे और अधिक जानकारी दिया। आवेश:- द्रव्यमान के जैसे, आवेश भी पदार्थ का एक मूलभूत गुण है जिससे पदार्थ विद्युतमय हो जाता है। इसे q से प्रदर्शित किया जाता है। इसका S.I. मात्रक कूलाम होता है। आवेश का मात्रक:- 1. S.I. पद्धति में आवेश का मात्रक 'कूलाम' होता है। 2. C.G.S. पद्धति में आवेश का