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Lesson 12 - विद्युत-Class 10 Science Notes

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 विद्युत विद्युत आवेश की संकल्पना:-  जब एक कांच की छड़ को सिल्क के कपड़े से रगड़ा जाता है, तो इलेक्ट्रॉन कांच की छड़ से सिल्क के कपड़े में चले जाते हैं, इसलिए कांच की छड़ में इलेक्ट्रोनों की कमी हो जाती है जिससे कांच की छड़ धनात्मक आवेशित हो जाती है और सिल्क के कपड़े में इलेक्ट्रोनो की अधिकता हो जाती है जिससे सिल्क का कपड़ा ऋणात्मक आवेशित हो जाता है। जब एक एबोनाइट की  की छड़ को ऊन से रगड़ा जाता है तो इलेक्ट्रॉन ऊन से एबोनाइट की छड़ में चले जाते हैं।इसलिए एबोनाइट की छड़ में इलेक्ट्रोनों की अधिकता हो जाती है जिससे एबोनाइट की ऋणावेशित हो जाती है। और ऊन में इलेक्ट्रोनों की कमी हो जाती है जिससे ऊन धनवेशित हो जाता है। अतः घर्षण के इस संकल्पना के आधार पर आवेश को समझा गया। बाद में, कूलाम ने आवेश के बारे और अधिक जानकारी दिया। आवेश:-      द्रव्यमान के जैसे, आवेश भी पदार्थ का एक मूलभूत गुण है जिससे पदार्थ विद्युतमय हो जाता है। इसे q से प्रदर्शित किया जाता है। इसका S.I. मात्रक कूलाम होता है।  आवेश का मात्रक:- 1. S.I. पद्धति में आवेश का मात्रक 'कूलाम'  होता है। 2. C.G.S. पद्धति में आवेश का

Lesson 5 - तत्वों का आवर्त वर्गीकरण-Class 10 Science Notes

 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण प्रस्तावना:- * अब तक प्रकृति में कुल 118 तत्वों की जानकारी मिली है। * तत्वों के वर्गीकरण का अर्थ है - उनको उनके गुणधर्मों के आधार पर अलग अलग समूहों में व्यवस्थित करना। * सबसे पहले तत्वों को धातु तथा अधातुओ में वर्गीकृत किया गया। तत्वों के वर्गीकरण से संबंधित कई परिकल्पनाएं आईं-  1. डोबेराइनर के त्रिक डोबेराइनर ने तीन तत्वों का त्रिक बनाया जिन्हे परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में रखने पर बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान का लगभग औसत होता है। इस नियम को डोबेराइनर का त्रिक कहते है। उदाहरण:- 1.(Li)लिथियम (6), (Na)सोडियम (23), (K)पोटेशियम(40) 2. (Ca)कैल्शियम, (Sr)स्ट्रैंशियम, (Ba)बेरियम 3. (Cl)क्लोरीन, (Br)ब्रोमीन, (I)आयोडीन डोबेराइनर त्रिक की असफलता:-  जिस आधार पर जे. डब्ल्यू. डोबेराइनर ने त्रिक बनाया उस आधार पर वे उस समय तक केवल तीन ही त्रिक ज्ञात कर सके थे। वे अन्य तत्वों के साथ कोई और त्रिक नही बना सके। इसलिए त्रिक में वर्गीकृत करने की यह पद्धति असफल रही। 2. न्यूलैंड्स का अष्टक नियम:- सन् 1866 में वैज्ञानिक जॉन न्यूलैंड्स ने

Lesson 4 - कार्बन और उसके यौगिक-Class 10 Science Notes

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 कार्बन और उसके यौगिक कार्बन का परिचय:- कार्बन एक अधातु है इसका रासायनिक प्रतीक चिह्न C है तथा इसका परमाणु क्रमांक 6 है। प्राकृतिक रूप से इसके तीन समस्थानिक C 12, C 13 तथा C 14 हैं। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,4 है तथा संयोजकता 4 है इसीलिए इसे चतुः संयोजी है। भोजन, कपड़े, दवाइयां, पुस्तकें अन्य बहुत सी वस्तुएं जिन्हे आप सूचीबद्ध कर सकते हैं सभी कार्बन से ही बने हैं। या दूसरे शब्दों में, सभी सजीव कार्बन से ही बने हैं। कार्बन की उपस्थिति:- कार्बन प्रकृति में बहुत अधिक संख्या में यौगिकें बनाता है। भूपर्पटी में खनिजों (कार्बोनेट, हाइड्रोजन कार्बोनेट, कोयला, पेट्रोलियम आदि) के रूप में केवल 0.02% उपलब्ध है। तथा वायुमंडल में 0.03% कार्बन ऑक्साइड है। कार्बन एक सामान्य तत्व है जो ब्रह्माण्ड में सभी जगहों पर पाया जाता है और विभिन्न प्रकार के यौगिक बनाता है। बहुत से हमारे आस पास के निर्जीव और सजीव वस्तुएं कार्बन के बने हैं। जैसे पौधे, जंतु, कागज, भोजन, वस्त्र, चीनी, धागे, दवाइयां, सौंदर्य प्रसाधन, आदि। ये सभी कार्बनिक यौगिक हैं जो या तो पौधे से या जीवों से प्राप्त होते हैं। कार्बनिक यौगीकों के रस

Lesson 10 - प्रकाश- परावर्तन तथा अपवर्तन - Class 10 Science Notes

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 प्रकाश- परावर्तन तथा अपवर्तन प्रकाश :- प्रकाश ऊर्जा का एक रूप है जो हमें अपने आस-पास की चीजों को देखने में सक्षम बनाता है। प्रकाश एक स्रोत से प्रारंभ होता है और उन वस्तुओं से परावर्तित होता है जिन्हें हमारी आंखों से देखा जाता है और हमारा मस्तिष्क इस संकेत को संसाधित करता है, जो अंततः हमें देखने में सक्षम बनाता है। कुछ सामान्य घटनाएं:- प्रकाश से जुड़ी कुछ सामान्य अद्भुत घटनाएं होती हैं जैसे दर्पणों द्वारा प्रतिबिम्ब बनना, तारों का टिमटिमाना, इंद्रधनुष के सुंदर रंग, माध्यम द्वारा प्रकाश का मुड़ना। प्रकाश की प्रकृति:- प्रकाश निम्न की भाति व्यवहार करता है- किरण (जैसे परावर्तन और अपवर्तन) तरंग (जैसे व्यतिकरण और विवर्तन) कण (जैसे फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव) प्रकाश के गुण:- प्रकाश एक विद्युत चुम्बकीय तरंग है, इसलिए इसे यात्रा करने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है। प्रकाश सीधी रेखा में गमन करता है। प्रकाश की दोहरी प्रकृति होती है अर्थात तरंग भी और कण भी। प्रकाश छाया उत्पन्न करता है। निर्वात में प्रकाश की गति अधिकतम होती है। इसका मान 3 × 10 8  मीटर/सेकंड होता है। जब प्रकाश किसी सतह पर गि